Gauca Paradise
Gauca Paradise - A Unique Project
As the council is carrying forward its ambitious project of setting-up an infrastructure of Maharishi Vashistha Institute of Gaushala Management and Research Council (MVIGMRC), it will be comprising of state-of-the art and unique abode of ‘Vashistika Sudarshan’, institute complex, Exhibition & Convention centre, academy, Yoga, Research & Medicine lab, Dairy plant, Herbal Park and world class Gaushala with a organic farm. The entire project will be setup with the interface of intelligent buildings, Solar power, zero waste and digital technologies. The council aims to promote organic farming based eco-friendly life style. It intends to become worlds premier academic institute and R &D centre. The theme area of the institute will be comprising of world Kamdhenu Museum having meaningful display on life of Maharishi Vashistha and other saints who devoted their life in care and cure of cows and all other contributors of the Council. Aiming to lay a sound foundation for sel-reliant growth of the nation in coming decades, the council intends to strengthen the fabric of inclusive India.
The Council aims to provide a common platform to the central/state bodies institutions research organizations, regulatory bodies, manufacturers and technology providers, financial institutions and other stake holders to contribute towards achieving the national objectives for India to emerge as a global leader in high allied dairy sector
”गौका” आनन्दलोक - एक अनूठी परियोजना
परिषद् अपनी अनूठी परियोजना-गौका पैराडाइज को लेकर अग्रसर है, इसमें अत्याधुनिक और ‘वशिष्ट सुदर्शन‘ः गौलोक धाम, संस्थान भवन शामिल होगा। परिसर में प्रदर्षनी और कन्वेंशन सेंटर, अकादमी, योग, अनुसंधान और चिकित्सा प्रयोगशाला, डेयरी प्लांट, हर्बल पार्क और विश्व स्तर की गौशाला जैविक खेती के साथ होगी। पूरी परियोजना इन्टेलीजेन्ट बिल्डिंग, सौर ऊर्जा, शून्य अपशिष्ट निवारण और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के इंटरफेस के साथ स्थापित की जाएगी। परिषद का उद्देष्य जैविक खेती आधारित पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देना है। यह विश्व का प्रमुख शैक्षणिक संस्थान और अनुसंधान एवं विकास केंद्र के रूप में स्थापित होगा। संस्थान के थीम एरिया में विश्व कामधेनु संग्रहालय शामिल होगा, जिसमें मानव समाज हेतु गाय का योगदान महर्षि वशिष्ठ और अन्य संतों के जीवन पर प्रेरणात्मक अभिव्यक्ति होगी। भविष्य् में राष्ट्र के आत्मनिर्भर विकास के लिए एक मजबूत नींव रखने के उद्देश्य से, परिषद् का इरादा समावेशी ग्रामीण भारत के ताने-बाने को मजबूत करने का है।
परिषद का उद्देश्य केंद्रीय/राज्य निकायों संस्थानों, अनुसंधान संगठनों, नियामक निकायों, निर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, वित्तीय संस्थानों, डेयरी क्षेत्र और किसान संस्थाओं को एक साझा मंच प्रदान करना है ताकि भारत को दुध एवं दुध उत्पादक क्षेत्र में वैश्विक गुरू के रूप में स्थापित किया जा सके।